Rail Bus wala Comedy Kahaniya रेल बस Hindi Kahaniya Stories Funny Comedy Video
This is a story about Rail Bus wala. IN order to improve thetransport felicities the crazy guy introduces rail bus
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Hindi Comedy
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, 1602068129 , 2020-10-07 16:25:29 , 00:08:57 , 537 , UC7ot9AlDim4UKhz3TP_WWnw , Majedar Kahaniya , 30085 , [vid_dislikes] , kahaniya,hindi kahaniya,comedy kahaniya,funny comedy,hindi comedy video,rail bus story,hindi stories,majedar kahaniya,comedy stories,hindi kahani , https://www.youtubepp.com/watch?v=U7gvILWpaMA ,
- 0:00 | झाल
- 0:04 | कि जहानाबाद नाम का एक गांव जंगल के
- 0:07 | बीचों-बीच हुआ करता था उस गांव से ट्रेन
- 0:10 | ट्रैक्स तो गुर्जर तथा लेकर उस गांव में
- 0:12 | ट्रेन का स्टॉक नहीं हुआ करता था वह गांव
- 0:15 | से सिर्फ एक ही रास्ता था और वह जिलों नदी
- 0:18 | के ऊपर वाले सड़क का रास्ता था इंद्रदेव
- 0:21 | नाम का एक कॉन्ट्रेक्टर उस सड़क को तोड़
- 0:23 | दिया और सबको यह यकीन दिला दिया कि वह
- 0:26 | बाढ़ की वजह से विनाश हो गया अब हम गांव
- 0:28 | वाले पास और कोई चारा ही नहीं है रोड को
- 0:32 | तो मैंने निकाल दिया अब यह सरकार के पास
- 0:34 | जाकर नया रोड चाहिए लेंगे और फिर उस
- 0:39 | कॉन्ट्रैक्ट का रास्ता न होने के कारण
- 0:44 | गांव वालों को बहुत मुश्किल हो रही थी
- 0:47 | प्रेग्नेंट लेडीस और जेंट्स पता नहीं ले
- 0:50 | जा पाए विक्रम नाम का लड़का अरे मेरे गांव
- 0:56 | वालों को सच में बहुत परेशानी हो रही है
- 0:58 | कुछ करना होगा तो वहां तक गुर्जर का मार्ग
- 1:02 | निकलना होगा कैसे करूं
- 1:07 | पुष्कर रेलवे डिपार्टमेंट के पास जाकर फिर
- 1:10 | और हमारे गांव का एक रास्ता जो भाग में
- 1:13 | टूट गया अब हमारे गांववालों को बहुत तकलीफ
- 1:16 | हो रही है स्कूल कॉलेज कई जाने हमारे पास
- 1:19 | कोई रास्ता ही नहीं है अस्पताल तक तो भी
- 1:21 | जाने का रास्ता नहीं है इसलिए आप हम पर
- 1:24 | जरा सी दया करें और यह ट्रेन हमारे गांव
- 1:27 | में रुके यूं कुछ तो इंतजार कीजिए ना देखो
- 1:30 | विक्रम बाबू ट्रेन रोकना चाहते हो तो वह
- 1:33 | तो अभी के लिए बहुत मुश्किल है उसके लिए
- 1:35 | कई लोगों से परमिशन लेटर चाहिए आप एक काम
- 1:38 | कीजिए इस रास्ते पर एक रेल बस चलाने की
- 1:40 | परमिशन मैं देता हूं आप लोग रेल बस तैयार
- 1:43 | करवा लीजिए ठीक है सर कह कर मैं अपना रेल
- 1:47 | बस बनवा लिए हैं
- 1:49 | है उससे गांव वाले खुशी से उस रेल बस में
- 1:52 | स्कूल कॉलेज अस्पताल इत्यादि अपने काम के
- 1:58 | अनुसार जाने लगे थे तो
- 2:02 | कि यह देखकर इंद्रदीप अरे मैंने तो सोचा
- 2:05 | लाचार होकर बीच फंक्शन करवा लेंगे लेकिन
- 2:07 | यह तो रेलवे बस लगा कर बहुत खुश है इससे
- 2:10 | यह भी सिद्ध होगा तब जाकर जरूर बीच की
- 2:13 | मांग करते हुए स्टेशन लगाएंगे तब वह
- 2:15 | कॉन्ट्रैक्ट मुझे ही मिलेगा कहकर वह किसी
- 2:18 | भी तरह उस रेल बस को चोरी करवाने के लिए
- 2:23 | रात और आज दो चोर को बुलवाया और उनसे रे
- 2:27 | तुम लोग जाकर उस रेल बस के प्रयोग को चोरी
- 2:30 | करो फिर देखते हैं कि वे रेल बस कैसे चला
- 2:33 | पाएंगे तो
- 2:38 | कि चोर फिर रेल बस के प्रयोग को चोरी कर
- 2:40 | लिए हैं
- 2:41 | [संगीत]
- 2:46 | कि विक्रम बाबू और सारे लोग आकर सुबह
- 2:49 | देखिए तो बस के तो पहले पीने से लिखित में
- 2:53 | किया है हमारे बच्चे को चुराया है पहले ही
- 2:56 | गांव के बच्चों की परीक्षा चल रही है अब
- 2:58 | यह परीक्षा मिक्स हो गया तो पूरा साल
- 3:00 | बर्बाद हो जाएगा
- 3:02 | जय हिंद कहते हुए तब का तब दूसरा पया लाकर
- 3:07 | बिठाने के बाद बच्चों को स्कूल तक ले गया
- 3:10 | बच्चों से विक्रम बाबू बच्चों अब सब खुशी
- 3:13 | से झूम लिखिए सब पास हो जाना चाहिए हमारे
- 3:16 | रेल बस के प्रयोग को चुराने वाला कौन है
- 3:18 | इस रात को भून लेंगे क्योंकि कर उस रात को
- 3:21 | एक पेड़ पर चढ़कर रेल बस की ओर नजर रख कर
- 3:24 | बैठा था अ
- 3:27 | कि अरे यह तो फिर से रेल बस के परिवार को
- 3:30 | जोड़कर चले गए इस बार सिर्फ रेल बस के
- 3:33 | पहिए ही नहीं पूरा का पूरा रेल बस्सी उठा
- 3:35 | ले आइए अगर नहीं कर पाए तो पूरा रेल बस
- 3:38 | जला देना इस बार तो मैं देख कर ही रहूंगा
- 3:40 | कि यह लोग कैसे जाएंगे कहते हुए अपने
- 3:43 | आदमियों को भेजा था
- 3:47 | कि व्याक्त भाइयों को घुमाने की कोशिश की
- 3:50 | लेकिन वह नहीं निकले थे
- 3:53 | आ रे इस बार लगता है यह बहुत जोर से बांधे
- 3:56 | हुए हैं ले जाने का कोई तरीका ही नजर नहीं
- 3:58 | आ रहा तो जलाने के लिए कहा था ना बॉस ने
- 4:01 | पेट्रोल डालकर जला देते हैं चलो निकालते
- 4:03 | हैं कहते हुए पेट्रोल निकालकर जब उस पर
- 4:06 | डाल रहे थे तभी विक्रम बाबू और गांव वाले
- 4:11 | आकर उन्हें पकड़े और पेड़ को बांध दिए
- 4:13 | विक्रम बाबू फिल्म से पूछा कि ये कौन काम
- 4:16 | करवा रहा है तुमसे तुम लोगों के
- 4:18 | हड्डी-पसली तोड़ देंगे तुम लोगों को मार
- 4:20 | देंगे बताओ यह सुनकर घबरा कर विचित्र और
- 4:24 | कॉन्ट्रैक्टर इंद्रदीप हमसे यह काम करवाया
- 4:26 | रोड ब्रिज को भी उन्होंने ही हम से
- 4:28 | छुड़वाया है तक विक्रम सिंह और गांव वाले
- 4:31 | मिलकर इंद्रदीप और वह चोर को पकड़कर उनको
- 4:34 | पुलिस के हवाले कर दिए वह बहुत सुंदर सा
- 4:37 | घर है गौतम तिवारी अपने रिटायरमेंट के बाद
- 4:40 | मिलने पीएफ के पैसों से उस घर को बनाया था
- 4:43 | वह अपने रिटायरमेंट के बाद उस घर में रहने
- 4:46 | का सपना देखता था बूढ़े पति पत्नी उस
- 4:49 | सुंदर सा घर में अपने बुढ़ापे का जीवन
- 4:52 | गुजारा कर
- 4:53 | कि एक दिन कुछ म्युनिसिपल ऑफिस आकर रोड
- 5:00 | एक्शन प्लान के मुताबिक यहां के घर को
- 5:02 | थोड़ा जाएगा ऐसा गवर्नमेंट क्वार्टर है
- 5:04 | कहते हुए एक लेटर तिवारी को थमाया तिवारी
- 5:08 | समझ नहीं पाया कि क्या करें तिवारी और
- 5:10 | उसकी पत्नी बहुत दुखी हुए अपनी मेहनत से
- 5:13 | कमाकर बचाए हुए पैसों से यह अपना सपनों का
- 5:16 | घर बनाया इसे गवर्नमेंट वाले त्यों ही
- 5:18 | तोड़ेंगे बोल रहे हैं ऐसे कैसे चलेगा तो
- 5:21 | उस कर तिवारी दुखी होने लगा यह क्या जी
- 5:23 | हमारे बना बनाया घर को ऐसे कैसे तोड़
- 5:26 | देंगे उन दोनों उदास हो गए तिवारी का बेटा
- 5:30 | अमरेंद्र शहर में नौकरी किया करता था
- 5:33 | अमरेंद्र को फोन करके यह सब बताइए तो
- 5:36 | तिवारी ने अमरेंद्र को फोन मिलाया फोन
- 5:40 | उठाकर अमरेंद्र बकरियों की तरी गवर्नमेंट
- 5:43 | वाले रोड टैक्स इसमें हमारे घर को तोड़ने
- 5:45 | वाले कह रहे हैं इतनी में हमें तो प्यार
- 5:47 | से इस घर को बनाया अब समझ में नहीं आ रहा
- 5:51 | बैठक की बात करें तो
- 5:53 | न्यू फोन पर दुखी होकर नीचे गिर पड़ा फिर
- 5:56 | पत्नी उसके हाथ से फोन लेते हुए अरेस्ट
- 5:59 | तुम्हारे पिताजी को स्ट्रोंग अगर नीचे गिर
- 6:02 | गया यह नरेंद्र तिवारी को अस्पताल में
- 6:11 | भर्ती करवाया शहर से अमरेंद्र फिर अस्पताल
- 6:15 | पहुंचा वहां बिस्तर पर लेटा तिवारी
- 6:17 | सुरेंद्र सीरवी मां पिताजी कहते हुए हैं
- 6:29 | से बाहर निकलते ही सीधा म्युनिसिपालिटी
- 6:32 | ऑफिस गया हमारे घर को तोड़ रहे हैं वह
- 6:36 | हमारे पिताजी का सपनों का घर है कृपया
- 6:38 | करके उसे मत तोड़िए प्रोडक्शन समय खाली
- 6:42 | आपका घर ही नहीं बाकी सब घरों को भी पढ़ना
- 6:44 | और भी मार्किट से कईं ज्यादा मुनाफा मिल
- 6:47 | रहा है ना आप तो दे रहे हैं लेकिन मेरे
- 6:50 | पिताजी फिर से वैसे ही घर नहीं बना सकते
- 6:53 | हैं ना सर वह अपने शौक और सपनों की हिसाब
- 6:55 | से इस घर को बनवाया है सर पास से निकल गया
- 6:59 | है
- 7:02 | कि हम रेंजर सीधे अस्पताल पहुंचा मरने की
- 7:06 | स्थिति में रहने वाले पिताजी से अमरेंद्र
- 7:08 | फिफर को कुछ नहीं होगा जैसा अपने घर बनाया
- 7:12 | था वैसा ही रहेगा आप चिंता मत कीजिए
- 7:14 | डिस्चार्ज होते ही तुरंत अपने बनाए हुए घर
- 7:17 | में पहुंचाना मेरी जिम्मेदारी है हम
- 7:21 | तुम्हारी मदद किसने कि मुझे किसी की मदद
- 7:24 | की जरूरत नहीं है वह मेरे पिताजी के खुशी
- 7:28 | के लिए मैं कुछ भी करूंगा मैं फिर चाहे
- 7:38 | कुछ भी हो जाए अपने पिताजी की खुशी वापस
- 7:40 | लौटना होगा उनको घर में रहना होगा इस घर
- 7:44 | में कुछ नहीं होने दूंगा मैं इस घर को ऐसे
- 7:47 | कि ऐसा ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दूंगा
- 7:51 | अमरेंद्र इंडस्ट्रियल होने वाली जगह पर
- 7:54 | गया वहां पड़े और उन्हें पूरे टुकड़ों में
- 7:59 | तोड़ दिया वह चार इंच के पार्ट्स
- 8:02 | मिलाकर एक जॉइंट करेंगे बनाया स्क्रीन को
- 8:08 | लेकर अपने घर के पास आया उस प्रेम के
- 8:11 | सहायता से उसके पूरे घर को एक खरोच में ना
- 8:15 | पहुंचाते हुए ऊपर उठाया उस जॉइंट करेंगे
- 8:20 | में उसका घर था फिर वह जॉइंट करेंगे
- 8:23 | जाते-जाते वे शांतिपूर्वक जगह में जाकर
- 8:26 | रूका वह जगह बहुत ही शांत और हरा भरा था
- 8:30 | फिर अमरेंद्र अच्छी जगह देखकर अपने घर को
- 8:33 | वहां रख दिया और स्क्रीन को हटा दिया था
- 8:39 | कि गौतम तिवारी अपनी पत्नी के साथ अस्पताल
- 8:41 | से आया अपने घर को सुंदर से जगा के बीचों
- 8:45 | बीच देखकर तिवारी खुशी से अपने बेटे
- 8:48 | अमरेंद्र से ऐसा बेटा मिले तो हर मां बाप
- 8:51 | बहुत खुश होंगे रे बेटा हो तो ऐसा कहते
- 8:55 | हुए उसे गले लगाया
,
- 0:00 | झाल
- 0:04 | कि जहानाबाद नाम का एक गांव जंगल के
- 0:07 | बीचों-बीच हुआ करता था उस गांव से ट्रेन
- 0:10 | ट्रैक्स तो गुर्जर तथा लेकर उस गांव में
- 0:12 | ट्रेन का स्टॉक नहीं हुआ करता था वह गांव
- 0:15 | से सिर्फ एक ही रास्ता था और वह जिलों नदी
- 0:18 | के ऊपर वाले सड़क का रास्ता था इंद्रदेव
- 0:21 | नाम का एक कॉन्ट्रेक्टर उस सड़क को तोड़
- 0:23 | दिया और सबको यह यकीन दिला दिया कि वह
- 0:26 | बाढ़ की वजह से विनाश हो गया अब हम गांव
- 0:28 | वाले पास और कोई चारा ही नहीं है रोड को
- 0:32 | तो मैंने निकाल दिया अब यह सरकार के पास
- 0:34 | जाकर नया रोड चाहिए लेंगे और फिर उस
- 0:39 | कॉन्ट्रैक्ट का रास्ता न होने के कारण
- 0:44 | गांव वालों को बहुत मुश्किल हो रही थी
- 0:47 | प्रेग्नेंट लेडीस और जेंट्स पता नहीं ले
- 0:50 | जा पाए विक्रम नाम का लड़का अरे मेरे गांव
- 0:56 | वालों को सच में बहुत परेशानी हो रही है
- 0:58 | कुछ करना होगा तो वहां तक गुर्जर का मार्ग
- 1:02 | निकलना होगा कैसे करूं
- 1:07 | पुष्कर रेलवे डिपार्टमेंट के पास जाकर फिर
- 1:10 | और हमारे गांव का एक रास्ता जो भाग में
- 1:13 | टूट गया अब हमारे गांववालों को बहुत तकलीफ
- 1:16 | हो रही है स्कूल कॉलेज कई जाने हमारे पास
- 1:19 | कोई रास्ता ही नहीं है अस्पताल तक तो भी
- 1:21 | जाने का रास्ता नहीं है इसलिए आप हम पर
- 1:24 | जरा सी दया करें और यह ट्रेन हमारे गांव
- 1:27 | में रुके यूं कुछ तो इंतजार कीजिए ना देखो
- 1:30 | विक्रम बाबू ट्रेन रोकना चाहते हो तो वह
- 1:33 | तो अभी के लिए बहुत मुश्किल है उसके लिए
- 1:35 | कई लोगों से परमिशन लेटर चाहिए आप एक काम
- 1:38 | कीजिए इस रास्ते पर एक रेल बस चलाने की
- 1:40 | परमिशन मैं देता हूं आप लोग रेल बस तैयार
- 1:43 | करवा लीजिए ठीक है सर कह कर मैं अपना रेल
- 1:47 | बस बनवा लिए हैं
- 1:49 | है उससे गांव वाले खुशी से उस रेल बस में
- 1:52 | स्कूल कॉलेज अस्पताल इत्यादि अपने काम के
- 1:58 | अनुसार जाने लगे थे तो
- 2:02 | कि यह देखकर इंद्रदीप अरे मैंने तो सोचा
- 2:05 | लाचार होकर बीच फंक्शन करवा लेंगे लेकिन
- 2:07 | यह तो रेलवे बस लगा कर बहुत खुश है इससे
- 2:10 | यह भी सिद्ध होगा तब जाकर जरूर बीच की
- 2:13 | मांग करते हुए स्टेशन लगाएंगे तब वह
- 2:15 | कॉन्ट्रैक्ट मुझे ही मिलेगा कहकर वह किसी
- 2:18 | भी तरह उस रेल बस को चोरी करवाने के लिए
- 2:23 | रात और आज दो चोर को बुलवाया और उनसे रे
- 2:27 | तुम लोग जाकर उस रेल बस के प्रयोग को चोरी
- 2:30 | करो फिर देखते हैं कि वे रेल बस कैसे चला
- 2:33 | पाएंगे तो
- 2:38 | कि चोर फिर रेल बस के प्रयोग को चोरी कर
- 2:40 | लिए हैं
- 2:41 | [संगीत]
- 2:46 | कि विक्रम बाबू और सारे लोग आकर सुबह
- 2:49 | देखिए तो बस के तो पहले पीने से लिखित में
- 2:53 | किया है हमारे बच्चे को चुराया है पहले ही
- 2:56 | गांव के बच्चों की परीक्षा चल रही है अब
- 2:58 | यह परीक्षा मिक्स हो गया तो पूरा साल
- 3:00 | बर्बाद हो जाएगा
- 3:02 | जय हिंद कहते हुए तब का तब दूसरा पया लाकर
- 3:07 | बिठाने के बाद बच्चों को स्कूल तक ले गया
- 3:10 | बच्चों से विक्रम बाबू बच्चों अब सब खुशी
- 3:13 | से झूम लिखिए सब पास हो जाना चाहिए हमारे
- 3:16 | रेल बस के प्रयोग को चुराने वाला कौन है
- 3:18 | इस रात को भून लेंगे क्योंकि कर उस रात को
- 3:21 | एक पेड़ पर चढ़कर रेल बस की ओर नजर रख कर
- 3:24 | बैठा था अ
- 3:27 | कि अरे यह तो फिर से रेल बस के परिवार को
- 3:30 | जोड़कर चले गए इस बार सिर्फ रेल बस के
- 3:33 | पहिए ही नहीं पूरा का पूरा रेल बस्सी उठा
- 3:35 | ले आइए अगर नहीं कर पाए तो पूरा रेल बस
- 3:38 | जला देना इस बार तो मैं देख कर ही रहूंगा
- 3:40 | कि यह लोग कैसे जाएंगे कहते हुए अपने
- 3:43 | आदमियों को भेजा था
- 3:47 | कि व्याक्त भाइयों को घुमाने की कोशिश की
- 3:50 | लेकिन वह नहीं निकले थे
- 3:53 | आ रे इस बार लगता है यह बहुत जोर से बांधे
- 3:56 | हुए हैं ले जाने का कोई तरीका ही नजर नहीं
- 3:58 | आ रहा तो जलाने के लिए कहा था ना बॉस ने
- 4:01 | पेट्रोल डालकर जला देते हैं चलो निकालते
- 4:03 | हैं कहते हुए पेट्रोल निकालकर जब उस पर
- 4:06 | डाल रहे थे तभी विक्रम बाबू और गांव वाले
- 4:11 | आकर उन्हें पकड़े और पेड़ को बांध दिए
- 4:13 | विक्रम बाबू फिल्म से पूछा कि ये कौन काम
- 4:16 | करवा रहा है तुमसे तुम लोगों के
- 4:18 | हड्डी-पसली तोड़ देंगे तुम लोगों को मार
- 4:20 | देंगे बताओ यह सुनकर घबरा कर विचित्र और
- 4:24 | कॉन्ट्रैक्टर इंद्रदीप हमसे यह काम करवाया
- 4:26 | रोड ब्रिज को भी उन्होंने ही हम से
- 4:28 | छुड़वाया है तक विक्रम सिंह और गांव वाले
- 4:31 | मिलकर इंद्रदीप और वह चोर को पकड़कर उनको
- 4:34 | पुलिस के हवाले कर दिए वह बहुत सुंदर सा
- 4:37 | घर है गौतम तिवारी अपने रिटायरमेंट के बाद
- 4:40 | मिलने पीएफ के पैसों से उस घर को बनाया था
- 4:43 | वह अपने रिटायरमेंट के बाद उस घर में रहने
- 4:46 | का सपना देखता था बूढ़े पति पत्नी उस
- 4:49 | सुंदर सा घर में अपने बुढ़ापे का जीवन
- 4:52 | गुजारा कर
- 4:53 | कि एक दिन कुछ म्युनिसिपल ऑफिस आकर रोड
- 5:00 | एक्शन प्लान के मुताबिक यहां के घर को
- 5:02 | थोड़ा जाएगा ऐसा गवर्नमेंट क्वार्टर है
- 5:04 | कहते हुए एक लेटर तिवारी को थमाया तिवारी
- 5:08 | समझ नहीं पाया कि क्या करें तिवारी और
- 5:10 | उसकी पत्नी बहुत दुखी हुए अपनी मेहनत से
- 5:13 | कमाकर बचाए हुए पैसों से यह अपना सपनों का
- 5:16 | घर बनाया इसे गवर्नमेंट वाले त्यों ही
- 5:18 | तोड़ेंगे बोल रहे हैं ऐसे कैसे चलेगा तो
- 5:21 | उस कर तिवारी दुखी होने लगा यह क्या जी
- 5:23 | हमारे बना बनाया घर को ऐसे कैसे तोड़
- 5:26 | देंगे उन दोनों उदास हो गए तिवारी का बेटा
- 5:30 | अमरेंद्र शहर में नौकरी किया करता था
- 5:33 | अमरेंद्र को फोन करके यह सब बताइए तो
- 5:36 | तिवारी ने अमरेंद्र को फोन मिलाया फोन
- 5:40 | उठाकर अमरेंद्र बकरियों की तरी गवर्नमेंट
- 5:43 | वाले रोड टैक्स इसमें हमारे घर को तोड़ने
- 5:45 | वाले कह रहे हैं इतनी में हमें तो प्यार
- 5:47 | से इस घर को बनाया अब समझ में नहीं आ रहा
- 5:51 | बैठक की बात करें तो
- 5:53 | न्यू फोन पर दुखी होकर नीचे गिर पड़ा फिर
- 5:56 | पत्नी उसके हाथ से फोन लेते हुए अरेस्ट
- 5:59 | तुम्हारे पिताजी को स्ट्रोंग अगर नीचे गिर
- 6:02 | गया यह नरेंद्र तिवारी को अस्पताल में
- 6:11 | भर्ती करवाया शहर से अमरेंद्र फिर अस्पताल
- 6:15 | पहुंचा वहां बिस्तर पर लेटा तिवारी
- 6:17 | सुरेंद्र सीरवी मां पिताजी कहते हुए हैं
- 6:29 | से बाहर निकलते ही सीधा म्युनिसिपालिटी
- 6:32 | ऑफिस गया हमारे घर को तोड़ रहे हैं वह
- 6:36 | हमारे पिताजी का सपनों का घर है कृपया
- 6:38 | करके उसे मत तोड़िए प्रोडक्शन समय खाली
- 6:42 | आपका घर ही नहीं बाकी सब घरों को भी पढ़ना
- 6:44 | और भी मार्किट से कईं ज्यादा मुनाफा मिल
- 6:47 | रहा है ना आप तो दे रहे हैं लेकिन मेरे
- 6:50 | पिताजी फिर से वैसे ही घर नहीं बना सकते
- 6:53 | हैं ना सर वह अपने शौक और सपनों की हिसाब
- 6:55 | से इस घर को बनवाया है सर पास से निकल गया
- 6:59 | है
- 7:02 | कि हम रेंजर सीधे अस्पताल पहुंचा मरने की
- 7:06 | स्थिति में रहने वाले पिताजी से अमरेंद्र
- 7:08 | फिफर को कुछ नहीं होगा जैसा अपने घर बनाया
- 7:12 | था वैसा ही रहेगा आप चिंता मत कीजिए
- 7:14 | डिस्चार्ज होते ही तुरंत अपने बनाए हुए घर
- 7:17 | में पहुंचाना मेरी जिम्मेदारी है हम
- 7:21 | तुम्हारी मदद किसने कि मुझे किसी की मदद
- 7:24 | की जरूरत नहीं है वह मेरे पिताजी के खुशी
- 7:28 | के लिए मैं कुछ भी करूंगा मैं फिर चाहे
- 7:38 | कुछ भी हो जाए अपने पिताजी की खुशी वापस
- 7:40 | लौटना होगा उनको घर में रहना होगा इस घर
- 7:44 | में कुछ नहीं होने दूंगा मैं इस घर को ऐसे
- 7:47 | कि ऐसा ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दूंगा
- 7:51 | अमरेंद्र इंडस्ट्रियल होने वाली जगह पर
- 7:54 | गया वहां पड़े और उन्हें पूरे टुकड़ों में
- 7:59 | तोड़ दिया वह चार इंच के पार्ट्स
- 8:02 | मिलाकर एक जॉइंट करेंगे बनाया स्क्रीन को
- 8:08 | लेकर अपने घर के पास आया उस प्रेम के
- 8:11 | सहायता से उसके पूरे घर को एक खरोच में ना
- 8:15 | पहुंचाते हुए ऊपर उठाया उस जॉइंट करेंगे
- 8:20 | में उसका घर था फिर वह जॉइंट करेंगे
- 8:23 | जाते-जाते वे शांतिपूर्वक जगह में जाकर
- 8:26 | रूका वह जगह बहुत ही शांत और हरा भरा था
- 8:30 | फिर अमरेंद्र अच्छी जगह देखकर अपने घर को
- 8:33 | वहां रख दिया और स्क्रीन को हटा दिया था
- 8:39 | कि गौतम तिवारी अपनी पत्नी के साथ अस्पताल
- 8:41 | से आया अपने घर को सुंदर से जगा के बीचों
- 8:45 | बीच देखकर तिवारी खुशी से अपने बेटे
- 8:48 | अमरेंद्र से ऐसा बेटा मिले तो हर मां बाप
- 8:51 | बहुत खुश होंगे रे बेटा हो तो ऐसा कहते
- 8:55 | हुए उसे गले लगाया
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